Jwalamukhi Shakti Peeth

ज्वालामुखी शक्तिपीठ Jwalamukhi Shakti Peeth
हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा में स्थित है यह शक्तिपीठ, जहां सती का जिह्वा गिरी थी। यहां की शक्ति सिद्धिदा व भैरव उन्मत्त हैं।

ज्वालामुखी शक्तिपीठ हिन्दू धर्म में प्रसिद्ध 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहाँ-जहाँ माता सती के अंग के टुकड़े, धारण किये हुए वस्त्र और आभूषण गिरे, वहाँ-वहाँ पर शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। इन शक्तिपीठों का धार्मिक दृष्टि से बड़ा ही महत्त्व है। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाते हैं। ये तीर्थ पूरे भारतीय उप-महाद्वीप में फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है। ‘ज्वालामुखी शक्तिपीठ’ इन्हीं 51 शक्तिपीठों में से एक है।

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जनपद के अंतर्गत ‘ज्वालामुखी का मंदिर’ ही शक्तिपीठ है। यहाँ माता सती की ‘जिह्वा’ गिरी थी। यहाँ माता सती ‘सिद्धिदा अम्बिका’ तथा भगवान शिव ‘उन्मत्त’ रूप में विराजित है। हिमाचल प्रदेश की काँगड़ा घाटी में, पठानकोट-जोगिंदर नगर नैरोगेज़ रेलमार्ग पर ज्वालामुखी रोड स्टेशन से 21 किलोमीटर, काँगड़ा से 34 किलोमीटर तथा धर्मशाला से 56 किलोमीटर दूर कालीधर पर्वत की सुरम्य तलहटी में स्थित है, ‘ज्वाला देवी’ या ‘ज्वालामुखी’ शक्तिपीठ।

माता के इस शक्तिपीठ तक पहुँचना बेहद आसान है। दिल्ली, चंडीगढ़, कांगड़ा, शिमला, जालंधर से यहाँ के लिए नियमित बसें चलती हैं। वैसे तो निकटतम रेलवे स्टेशन ज्वालामुखी रोड है, जो पठानकोट-जोगिन्दर नगर छोटी लाइन पर स्थित है, लेकिन सुविधाजनक स्टेशन चंडीगढ़, ऊना, पठानकोट व जालंधर है।