Original Ashtagandha Suddha Asth Gandh शुद्ध अष्टगन्ध

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Original Ashtagandha

  • आज कल मार्किट में मिलने वाला अष्टगन्ध एक पीले रंग का केमिकल पाउडर है या फिर चावल अरारोट का मिक्सचर है जिसे से अगर कोई भी यन्त्र मंत्र लिखते है तो वो कामयाब नहीं है उसके रिजल्ट जीरो ही है
  • अष्टगन्ध तो आठ प्रकार की जड़ीबूटी का एक मिक्सचर होता है जैसा की सास्त्रो में वर्णन दिया है आस्था और अध्यात्म जोके अध्यात्म का जाना माना नाम है उन्होंने इसको सही दिशा दिखा कर आगे बढ़ाया है |
  • कुमकुम का तिलक:- कुमकुम का तिलक तेजस्विता प्रदान करता है।
  • मिट्टी का तिलक:- विशुद्ध मिट्टी के तिलक से बुद्धि-वृद्धि और पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
  • केसर का तिलक:-  केसर का तिलक लगाने से सात्विक गुणों और सदाचार की भावना बढ़ती है
  • हल्दी का तिलक:- हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है।
  • दही का तिलक:- दही का तिलक लगाने से चंद्र बल बढ़ता है और मन-मस्तिष्क में शीतलता प्रदान होती है।
  • इत्र का तिलक:- इत्र का तिलक लगाने से शुक्र बल बढ़ता हैं और व्यक्ति के मन-मस्तिष्क में शांति और प्रसन्नता रहती है।

 

Suddha Ashtagandha

  • शक्ति के लिये-चंदन, अगर, कपूर, चोर, कुंकुम, रोचन, जटामासी, कपि
  • विष्णु के लिये-चंदन, अगर, ह्रीवेर, कुट, कुंकुम, उशीर, जटामासी और मुर;
  • शिव के लिये-चंदन, अगर, कपूर, तमाल, जल, कुंकुम, कुशीद, कुष्ट;
  • गणेश के लिये-चंदन, चोर, अगर, मृग और मृगी का मद, कस्तूरी, कपूर; अथवा चंदन, अगर, कपूर, रोचन, कुंकुम, मद, रक्तचंदन, ह्रीवेर;
  • सूर्य के लिये- जल, केसर, कुष्ठ, रक्तचंदन, चंदगन, उशीर, अगर, कपूर।

शुद्ध अष्टगंध

शास्त्रों में तीन प्रकार की अष्टगन्ध का वर्णन है, जोकि इस प्रकार है

  • शारदातिलक के अनुसार अधोलिखति आठ पदार्थों को अष्टगन्ध के रूप में लिया जाता है-
चन्दन, अगर, कर्पूर, तमाल, जल, कंकुम, कुशीत, कुष्ठ।

यह अष्टगन्ध शैव सम्प्रदाय वालों को ही प्रिय होती है।

  • दूसरे प्रकार की अष्टगन्ध Suddha Ashtagandha शुद्ध अष्टगंध में अधोलिखित आठ पदार्थ होते हैं-
कुंकुम, अगर, कस्तुरी, चन्द्रभाग, त्रिपुरा, गोरोचन, तमाल, जल आदि।

यह अष्टगन्ध शाक्त व शैव दोनों सम्प्रदाय वालों को प्रिय है।

  • वैष्णव अष्टगन्ध के रूप में इन आठ पदार्थ को प्रिय मानते है-
चन्दन, अगर, ह्रीवेर, कुष्ठ, कुंकुम, सेव्यका, जटामांसी, मुर।
  • अन्य मत से अष्टगन्ध Suddha Ashtagandha  शुद्ध अष्टगंध के रूप में निम्न आठ पदार्थों को भी मानते हैं-
अगर, तगर, केशर, गौरोचन, कस्तूरी, कुंकुम, लालचन्दन, सफेद चन्दन।

ये पदार्थ भली-भांति पिसे हुए, कपड़छान किए हुए, अग्नि द्वारा भस्म बनाए हुए और जल के साथ मिलाकर अच्छी तरह घुटे हुए होने चाहिए।

 Benifits of AsthaGandha

  • For making any powerful Yantra ,to have significant remarkable result from any Yantra it is supposed to be written from pure Asht Gandha ink. 
  •  This helps to evict any negative energies working on one body because of any Tantric or being done on the native.