बृहस्पति ग्रह हस्त रेखा में

बृहस्पति ग्रहण पहली उंगली या तर्जनी उंगली के मूल स्थान में स्थित होता है यदि वह सुविकसित हो तो व्यक्ति में दूसरों का प्रभुत्व जमाने की शासन करने की नेतृत्व और संगठन करने की तथा किसी ऊंचे लक्ष्य को प्राप्त करने की आकांछा होती है यह सदगुण तभी होंगे जो मस्तिक्ष रेखा स्पष्ट और लंबी हो यदि मस्तिष्क रेखा निर्बल हो या किसी प्रकार दो छेद हो तो सुविकसित संस्कृति क्षेत्र में आवश्यकता से अधिक भर देता है और वह स्वयं ही अपने करने वाला बन जाता है परंतु यदि पति को वश में करना हो तो जातक और आत्मविश्वास से सफलता प्राप्त होती है जीवन में सफलता की ऊंचाइयों पर ले जाने वाले हैं।

यह जितने गुण बृहस्पति में होते हैं उसने किसी ग्रह में नहीं, बृहस्पति ग्रह को अकारात्मक समझना चाहिए जबकि व्यक्ति का जन्म 2 नवंबर और 20 दिसम्बर के बीच में और उनके दिसम्बर तक हुआ है यह व्यक्ति स्वभाव से महत्त्वकांशी निधि और दृश्य वाले होते हैं वह जो कुछ करते हैं उसमें विरोध की परवाह नहीं करते वह उसे पूर्ण एकाग्रता करते हैं वह सत्य और सिद्धांत वादी होते हैं और जो विश्वास उनके ऊपर किया जाता है उसको पूर्ण करते हैं वे धोखाधड़ी का घोर विरोध करते हैं चाहे उनकी योजना ही क्यों ना हो जाए धोखाधड़ी करने वालों को भंडाफोड़ करके ही दम लेता है वह सफल व्यापारी बनते हैं और अपने घर पर पहुंच जाते हैं राजनीतिक क्षेत्र में होते हैं।

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अपना व्यवसाय

अपना व्यवसाय और जीवन वृति सुनने में भी स्वतंत्र होते हैं वह यह जरूरी नहीं समझते कि व्यवसाय उनके पिता कर रहे हैं उसी में स्वयं भी लग जाए यही कारण है कि आप अपने आरंभिक जीवन में वह अपने माता पिता के लिए चिंता का विषय बनते हैं उनके माता पिता के लिए यही उचित है कि ऐसे व्यक्ति को अपना व्यवसाय चुनने में पूर्ण स्वतंत्रता देने इस प्रकार के व्यक्तियों में सबसे बड़ा दोष यह होता है कि वह अपने काम में इतना उत्सव और जो दिखाते हैं कि सीमा को पार कर जाते हैं इसके कारण प्रा या उन्हें हानि उठानी पड़ती है और वह अपनी एक नक्शे को छोड़कर दूसरे लक्ष्य की ओर दौड़ सकते हैं परंतु यदि मस्तिष्क की रेखाएं स्पष्ट हो और सीधी करतल को पार करती हो तो उत्तरदायित्व कोई ऐसा स्थान  नहीं जिसके उच्चतम शिखर पर वह ना पहुंच जाए|

बृहस्पति पर क्रास

बृहस्पति पर क्रास अधिक रेखा चतुष्कोण हो तो व्यक्ति को टोंसिल गला सुखना या गले से में गर्माहट ही होना अभी बीमारियां होती है जीवन रेखा में ब्रस्पति के नीचे दोष होने पर ऐसा नहीं कहा जा सकता है सरस्वती के नीचे चतुष्कोण या अन्य प्रकार की कोई रेखा हो तो ऐसे व्यक्तियों को कोई चीज गले में अटक जाती है जिन व्यक्तियों की मृत्यु मछली का कांटा गले में कुछ फसने वह सांस रुकने के कारण होती है उनके हाथ में ऐसे ही लक्षण पाए जाते हैं बस पति पर व्यक्ति को हर खतरे से बचा कर रखता है ऐसे व्यक्ति को अपने सम्मान का डर लगा रहता है परंतु उसकी मानहानि का असर जीवन में कभी नहीं होता ऐसे व्यक्तियों को ससुराल अच्छी मिलती है उससे लाभ होना यार नया होना मस्तिक रेखा पर निर्भर करता है मस्तिष्क रेखा अच्छी होने पर लाभ प्राप्त करते हैं|

बृहस्पति पर तारा 

बृहस्पति पर तारा होने पर अंतिम समय में दांपत्य सुख की हानि होती है अतः जीवन साथी का अलगाव या पक्षाघात होने की संभावना हो जाती है यह मस्तिष्क में रसोली होने का भी लक्षण है बृहस्पति के नीचे मंगल क्षेत्र की वृद्धि एवं मस्तिष्क रेखा के बीच की गहरी रेखा विशेष धनी होने के लक्षण है हाथ उत्तम होने पर दोनों हाथों में यह रेखा करोड़पति होने का लक्षण है ब्रह्स्पति ग्रह का अन्य ग्रहों के साथ मिलने पर सम्बन्ध होतो निम्न फलादेश कहना चाहिए
1.बृहस्पति तथा शनि
उद्योग आदि में विशेष योग्यता ईश्वर चिंता ज्योतिष
2.बृहस्पति तथा शुक्र
सौंदर्य में रुचि
3.बृहस्पति तथा चंद्र
कलाकार मानसिकता गतिरोध
4.बृहस्पति तथा सूर्य
प्रबंधक किसी कार्य में विशेष दक्षता

ऐसे व्यक्ति अपने मुंह से अपनी तारीफ नहीं करते इस प्रकार के व्यक्ति की पत्नी हमेशा ही इंडिया व्यवहार से असंतुष्ट रहती है प्रेम होते हुए भी यह अपने जीवनसाथी की प्रशंसा नहीं करते अपने मतलब के बाद मुंह फेर लेते हैं हां दूसरों के सामने अवश्य प्रशंसा करते हैं उनकी आवश्यकता आदि का भी ध्यान रखते हैं शुक्र विशेष उठा होने पर ऐसे व्यक्ति अपने ग्रहस्त के विषय में उदासीन होते हैं और घर को होटल समझना देर से आना या शीघ्र घर से निकल जाना तथा पत्नी की आवश्यकताओं का ध्यान रखना अधिक मनोवृति भी ऐसे व्यक्तियों में पाई जाती है ऐसे व्यक्तियों की भाग्य रेखा मोटी बांग्ला छोटी होती है यह अनेक प्रकार के लफड़े करने वाले होते हैं पत्नी के विरोध करने पर उसका अपमान कर देते हैं या पत्नी को दबा कर रखते हैं

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